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संप्रति
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संप्रति मौर्य
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now
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at present
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nowadays
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today
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for the present
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इष्यत्
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for the time being
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स्मारणम्
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निर्व्यञ्जक
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कालकाम
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स्फुर्ज्
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व्रीड
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १३५
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः २०२
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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श्रीवरदराजपञ्चकम् - प्रत्यूषे वरदः प्रसन्नवदन...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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श्रीवरदराजपञ्चकम् - प्रत्यूषे वरदः प्रसन्नवदन...
श्रीवरदराजपञ्चकम्
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गीतगोविन्दम् - द्वितीयः सर्गः - गीतम् ५
गीतगोविन्दम्
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मध्यंदिन
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विपर्यस्त
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विरूढ
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सक्तु
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संस्तव
Meanings: 12; in Dictionaries: 3
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भिक्षाटनकाव्यम् - एकत्रिंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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भिक्षाटनकाव्यम् - त्रयस्त्रिंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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रसगंगाधरः - समाधि अलंकार:
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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परिकर अलंकारः - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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पाण्डव
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
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भिक्षाटनकाव्यम् - एकविंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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भिक्षाटनकाव्यम् - त्रयोदशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग सत्ताविसावा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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भद्रबाहु
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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संशयरत्नमाला - श्लोक २५ ते २८
मोरोपन्त (मोरेश्वर रामजी पराडकर, १७२९–१७९४) यांच्या संशयरत्नमाला काव्याचा मुकुन्द गणेश मिरजकर यांनी संस्कृतानुवाद केला.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३५-३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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गीतगोविन्दम् - एकादशः सर्गः - गीतम् २०
गीतगोविन्दम्
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १६४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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संशयरत्नमाला - श्लोक २१ ते २४
मोरोपन्त (मोरेश्वर रामजी पराडकर, १७२९–१७९४) यांच्या संशयरत्नमाला काव्याचा मुकुन्द गणेश मिरजकर यांनी संस्कृतानुवाद केला.
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आवह्
Meanings: 12; in Dictionaries: 2
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उपरुध्
Meanings: 10; in Dictionaries: 3
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अयि
Meanings: 8; in Dictionaries: 3
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मञ्जुल
Meanings: 23; in Dictionaries: 4
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राजन्य
Meanings: 21; in Dictionaries: 7
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वियत्
Meanings: 20; in Dictionaries: 6
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भिक्षाटनकाव्यम् - सप्तविंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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उच्चावचप्रवाहवीचयः - सुभाषित २२४१ - २२६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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